Aug 13, 2010

एक छोटी सी मुलाकात

राज और निलीमा दोनों काफी देर से खामोश बैठे थे | घर वालो ने उन्हें एकांत दिया था ताकि वो आपस में बात कर ले | एक दुसरे को समझ बुझ ले | आखिर ज़िन्दगी तो इन्हें ही बितानी है |
गला खरासते हुए राज़ ने शुरू किया ..

-- आप कोग्निजेंट में है ?
-- जी
-- कौन सा ऑफिस है ?
-- मान्यता
-- अच्छा वो कैम्पस जो आउटर रिंग रोड पर है ?
-- जी
-- कौन से डोमेन में है ?
-- जी, बैंकिंग, हमारा क्लाएंट बर्कले बैंक है ...

और बस यही सब चलता रहा | दोनों की यह पहली मुलाक़ात थी | लेकिन दोनों को एक दुसरे के बारे में अच्छे तरीके से सब कुछ पता था | आखिर २ महीने से फेसबुक पर एक दुसरे के अपडेटस जो देखे जा रहे थे | निलीमा , राज़ के दूर के चाची की भांजी है | इस रिश्ते को लेकर काफी दिनों से दोनों के परिवार में बात चल रही थी |

दोनों के बातों का सिलसिला ख़त्म हुआ और खाने के लिए बुलाया गया | उठते वक़्त राज़ ने तिरछी नज़र से उस की हाईट देखी, निलीमा कान के बराबर आ रही थी | राज़ मन ही मन सोच रहा था | निलीमा सुन्दर है, पढ़ी लिखी है, जॉब करती है | कुल मिलाकर ’एक शादीलायक मटीरियल’ है | शायद भगवान् ने उस के लिए निलीमा को ही बना कर भेजा है | राज़ मन ही मन अपनी चाची और भगवान् को धन्यवाद दे रहा था | खाना ख़त्म हुआ | निलीमा के पापा और मम्मी ने जाने की इजाजत मांगी | राज़ उन्हें अपने कार में बस स्टॉप तक छोड़ कर आया | राज़ थोड़ी दूर तक उस बस को जाते हुए देखा और फिर घर वापिस आ गया | घर पर सब एक ही सवाल कर रहे थे | "निलीमा कैसी लगी ?" | राज़ लजाते हुए कहा, "हाँ, ठीक है |"

राज़ आज कल US में H1B वीसा पर है | उस की शादी हो गयी है | एक २ साल का बेटा भी है | वो फॅमिली लेकर US आया हुआ है | आज उस के पास सारी खुशिया है लेकिन ज़िंदगी अभी भी कुछ अधूरी सी है | आज भी वो फेसबुक पर निलीमा के अपडेटस देख करता है | फ्रेंड रिक्वेस्ट आजतक नहीं भेज पाया | निलीमा का मरिटल स्टेटस ’मैरिड’ है | वो छोटी सी मुलाकात आज भी राज़ के दिल के कोने में महफूज है |